ब्रिक्स का पूरा नाम (Full Form of BRICS)
BRICS – जिस वक्त ब्रिक्स का गठन हुआ था, उस वक्त इसमें केवल चार देश ही शामिल थे, जिसके कारण से इसे ब्रिक (BRIC) कहा जाता था और इसका पूर्ण रूप यानी फुल फॉर्म, ब्राजील, रूस, चीन और भारत था.
जब दक्षिण अफ्रीका देश भी इस समूह से जुड़ा तो इसका नाम ब्रिक्स (BRIC) रख दिया गया.
क्या है ब्रिक्स (What Is BRICS)
BRICS पांच देशों का एक समूह है इस समूह को ब्राजील, रूस, भारत और चीन देशों द्वारा मिलकर बनाया था. वहीं इस समूह द्वारा अभी तक कुल 10 शिखर सम्मेलन का आयोजन किया जा चुका है.
दरअसल ब्रिक्स राष्ट्र द्वारा हर साल औपचारिक शिखर सम्मेलन का आयोजन किया जाता है और इस शिखर सम्मेलन में ब्रिक्स राष्ट्र के राज्य और सरकार के प्रमुख द्वारा हिस्सा लिया जाता हैं.
ब्रिक्स का इतिहास (BRICS History)
BRICS में शामिल सभी देशों की अर्थव्यवस्था काफी मजबूत है और साल 2001 में इसी चीज का जिक्र “जिम ओ’नील” ने अपने ‘द वर्ल्ड नीड्स बेटर इकोनॉमिक ब्रिक’ नामक एक प्रकाशन में किया था.
- जिम ओ’नील, गोल्डमैन सैच्य समूह जो कि अमेरिका का एक बहुराष्ट्रीय निवेश बैंक और वित्तीय सेवा कंपनी है, उसमें उस समय बतौर अध्यक्ष के रूप में कार्य करते थे
- उसी दौरान उन्होंने भारत, ब्राजील, रूस और चीन की अर्थव्यवस्था पर अनुसंधान किया था और इन देशों के अर्थशास्त्र विश्लेषण करने के बाद उन्होंने अपने अनुसंधान को प्रकाशित किया था.
- अपने प्रकाशन में जिम ओ’नील ने लिखा था कि चार ब्रिक देश (भारत, ब्राजील, रूस और चीन) तेजी से विकास कर रहे हैं और आने वाले 50 सालों तक इन देशों की संयुक्त अर्थव्यवस्थाएं,
- इस वक्त दुनिया के सबसे अमीर देशों की अर्थव्यवस्थाओं से बड़ी होने वाली है. क्योंकि इन देशों का बाजार काफी बड़ा है और तेजी से बढ़ भी रहा है.
- इस प्रकाशन में जिम ओ’नील ने इन चारों देशों के नाम के लिए ब्रिक शब्द का इस्तेमाल किया गया था और ये शब्द इन देशों के नाम के प्रथम शब्द से लेकर बनाया गया था.
ब्रिक्स को बनाने का उद्देश्य (Objectives of BRICS)
- विश्व में अमेरिका डॉलर एक प्रमुख मुद्रा है और ब्रिक्स देशों का लक्ष्य है कि वो इस मुद्रा की जगह अन्य मुद्राओं का उपयोग कर उन मुद्राओं को भी विश्व स्तर पर मजबूत कर सके,
- ब्रिक्स का जो दूसरा सबसे बड़ा मकसद है, वो विकासशील देशों के लिए एक विशेष व्यापार ब्लॉक बनाना है.
- क्योंकि व्यापार के क्षेत्र में विकासशील देशों पर विकसित देश का काफी दबदबा है और इसी दबदबे को खत्म करने के लिए ब्रिक्स देशों द्वारा व्यापार ब्लॉक बनाने का लक्ष्य बनाया गया है.
- इसके अलावा ब्रिक्स समूह विकसित और विकासशील देशों के बीच एक पुल के रूप में भी कार्य करता है और साथ में ही विकासशील देशों को विकसित करने में उनकी मदद भी कर रहा है.
कब हुई ब्रिक्स की शुरुआत
वर्ष 2006 में न्यूयॉर्क में ब्रिक राष्ट्र के विदेश मंत्रियों का एक अधिवेशन हुआ था और इसी अधिवेशन के दौरान भारत, ब्राजील, रूस और चीन देश ने मिलकर ब्रिक की स्थापना करने पर चर्चा की थी.
जिसके तीन साल बाद यानी साल 2009 में इन देशों ने रूस में अपना प्रथम सम्मेलन किया था.
नव विकास बैंक (New Development Bank)
नव विकास बैंक को साल 2014 के जुलाई महीने में स्थापित किया गया था और इसके संचालन साल 2015 में शुरू हुआ था. इस वक्त बैंक के महासचिव के.वी. कामत है और इस बैंक का प्रधान कार्यालय चीन देश के शंघाई शहर में है.
ये बैंक ब्रिक्स विकास बैंक के नाम से भी प्रसिद्ध है और इस बैंक को शुरू करने का लक्ष्य बुनियादी परियोजनाएं के लिए उधार देना है और ये बैंक सालाना 34,000,000 तक अधिकृत उधार दे सकता है
शिखर सम्मेलन-
सम्मलेन | वर्ष | आयोजन स्थल |
01 शिखर सम्मेलन | 16 जून, 2009 | रूस |
02 शिखर सम्मेलन | 15 अप्रैल, 2010 | ब्राजील |
03 शिखर सम्मेलन | 14 अप्रैल, 2011 | चीन |
04 शिखर सम्मेलन | 29 मार्च, 2012 | भारत |
05 शिखर सम्मेलन | 26-27 मार्च 2013 | दक्षिण अफ्रीका |
06 शिखर सम्मेलन | 14-17 जुलाई 2014 | ब्राजील |
07 शिखर सम्मेलन | 8-9 जुलाई 2015 | रूस |
08 शिखर सम्मेलन | 15-16 अक्टूबर 2016 | भारत |
09 शिखर सम्मेलन | 3-5 सितंबर 2017 | चीन |
10 शिखर सम्मेलन | 5-27 जुलाई 2018 | दक्षिण अफ्रीका |
11 शिखर सम्मेलन | 2019 (वर्चुअल) | ब्राजील |
12 शिखर सम्मेलन | 2020 (वर्चुअल) | रूस |
13 शिखर सम्मेलन | 2021 (वर्चुअल) | भारत |
14 शिखर सम्मेलन | 2022 (वर्चुअल) | चीन |
14वां ब्रिक्स शिखर सम्मेलन (BRICS Summit) 2022: मुख्य बिंदु
14वां ब्रिक्स शिखर सम्मेलन 23 जून, 2022 को वर्चुअल मोड में आयोजित किया गया।
- इस शिखर सम्मेलन में शी जिनपिंग, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा और ब्राजील के राष्ट्रपति जायर बोल्सोनारो एक साथ आएंगे।
- भारत के वार्ताकार यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि कोई भी संयुक्त बयान तटस्थ हो और साथ ही चीन और रूस द्वारा अमेरिका और उसके सहयोगियों के खिलाफ प्रचार करने के लिए इस मंच का उपयोग करने के किसी भी प्रयास को सीमित किया जा सके।
- भारतीय पक्ष नए सदस्यों को जोड़ने के मानदंड लाने के लिए संगठन को आगे बढ़ाकर ब्रिक्स समूह के विस्तार के चीन के प्रयास में देरी करने की भी कोशिश करेगा।
ब्रिक्स बैठक का एजेंडा
ब्रिक्स समूह सभी विकासशील देशों के लिए साझा चिंता के मुद्दों पर चर्चा और विचार-विमर्श करने का एक मंच बन गया है। इस बैठक के दौरान राष्ट्राध्यक्ष
- व्यापार,
- आतंकवाद,
- पारंपरिक चिकित्सा,
- स्वास्थ्य, पर्यावरण,
- बहुपक्षीय संस्थानों में सुधार
- और कोविड -19 महामारी का मुकाबला करने
जैसे क्षेत्रों में अंतर-ब्रिक्स सहयोग पर चर्चा की गई थी।
ब्रिक्स शिखर सम्मेलन की थीम
ब्रिक्स शिखर सम्मेलन 2022 “Foster High-Quality BRICS Partnership, Usher in a New Era for Global Development” थीम के तहत आयोजित किया।
हाल ही में भारत के प्रधानमंत्री ने 14वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लिया, जिसकी वर्चुअली मेज़बानी चीन द्वारा की गई थी।
- 14वेंब्रिक्स शिखर सम्मेलन का विषय है: उच्च गुणवत्ता वाली ब्रिक्स साझेदारी को बढ़ावा देना, वैश्विक विकास के लिये एक नए युग की शुरुआत करना।
- संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब, मिस्र, कज़ाखस्तान, इंडोनेशिया, अर्जेंटीना, नाइजीरिया, सेनेगल और थाईलैंड सहित
- देशों के मंत्रियों के साथ मुख्य बैठक के हिस्से के रूप में ब्रिक्स प्लस आभासी सम्मेलन भी आयोजित किया गया था।
निष्कर्ष
ब्रिक्स समूह के देशों ने काफी कम समय के अंदर ही कई सारी अहम उपलब्धियां हासिल कर ली हैं और इस समूह की सबसे बड़ी उपलब्धि नव विकास बैंक का गठन करना है और इस बैंक को सफलतापूर्वक शुरू करना है.वहीं आने वाले समय में ब्रिक्स से जुड़े देश दुनिया की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका भी निभाने वाले हैं.