ग्रुप ऑफ ट्वेंटी (G20) क्या है?
G20, या “Group of Twenty,” एक अंतरराष्ट्रीय आर्थिक मंच है जिसमें विश्व के 19 बड़े और अग्रणी अर्थव्यवस्थाओं के साथ यूरोपीय संघ की भी एक सदस्य शामिल है। इस समूह का मुख्य उद्देश्य आर्थिक सहयोग और सहयोग करना है ताकि विश्व अर्थव्यवस्था को सुधारने और स्थायित करने के लिए सामंजस्यपूर्ण उपाय तय किए जा सकें।
ग्रुप ऑफ ट्वेंटी की स्थापना
G20 का पहला सम्मेलन 1999 में हुआ था, जब वित्तमंत्री और आर्थिक मंत्री एकत्रित हुए थे ताकि वित्तीय स्थिति को सुधारने के तरीकों की चर्चा की जा सके। इसके बाद, 2008 में विश्वात्मक वित्तीय संकट के समय, G20 का प्रभाव महत्वपूर्ण रूप से बढ़ गया जब विश्व अर्थव्यवस्था को संकट से निकालने के लिए समूह नेतृत्व करने का फैसला किया गया।
ग्रुप ऑफ ट्वेंटी के मुख्य उद्देश्य
G20 के सदस्य देश विश्व के विकसित और उदारवादी देशों को शामिल करते हैं, जिनका आर्थिक महत्व मुख्य रूप से मजबूत है। यह समूह आर्थिक नीतियों, वित्तीय स्थिति, वित्तीय शिक्षा, और वित्तीय सुधार के माध्यम से ग्लोबल आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देने का प्रयास करता है। इसका उद्देश्य यह है कि सदस्य देश आपसी सहमति और सहयोग के माध्यम से विश्व अर्थव्यवस्था की सुरक्षा, स्थायिता, और विकास को समर्थन दें।
G20 सम्मेलनों में विशिष्ट विषयों पर चर्चा होती है, जैसे कि आर्थिक विकास, वित्तीय नियंत्रण, वित्तीय स्थिति, वित्तीय सुधार, व्यापार, उद्यमिता, जलवायु परिवर्तन, और अन्य महत्वपूर्ण ग्लोबल मुद्दे।
आज, G20 विश्व की प्रमुख आर्थिक फोरम में से एक माना जाता है, जिसका मुख्य उद्देश्य ग्लोबल आर्थिक सहयोग के माध्यम से सशक्त और सुरक्षित आर्थिक भविष्य बनाना है।
G-20 के सदस्य देश
ग्रुप ऑफ ट्वेंटी (जी20) में 19 देश अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, कोरिया रिपब्लिक, मेक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्किये, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोपीय संघ शामिल हैं।
भारत में आयोजित G-20 2023 के शेरपा कौन है?
भारत के जी-20 शेरपा श्री अमिताभ कांत जी–20 के तीन देशों के समूह, जिसमें भारत, इंडोनेशिया और ब्राजील शामिल हैं, के साथ भी चर्चा का नेतृत्व करेंगे |
G-20 के आमंत्रित सदस्य
G-20 सदस्यों के अलावा भारत की तर्ज से G20 के लिए कुछ अन्य देशों को भी आमंत्रित किया गया है। यह देश बांग्लादेश, मिस्त्र, मॉरीशस, नीदरलैंड, नाइजीरिया, ओमान सिंगापुर, स्पेन एवं संयुक्त अरब अमीरात हैं।
G20 2023 की थीम क्या है?
ग्रुप ऑफ ट्वेंटी (G-20) – सम्मेलन 2023 की थीम क्या है? (G-20 Summit 2023 Theme) भारत की अध्यक्षता में हो रहे जी 20 सम्मेलन 2023 का थीम ‘वसुधैव कुटुंबकम‘ या ‘एक पृथ्वी-एक कुटुंब-एक भविष्य‘ है| यह थीम सभी प्रकार के जीवन मूल्य और पृथ्वी और ब्रह्मांड में उनके परस्पर संबंधों की पुष्टि करती है|
भारत का अध्यक्ष के रूप में कार्यकाल
भारत का अध्यक्ष के रूप में कार्यकाल 1 दिसंबर 2022 से 30 नवंबर 2023 तक G20 की अध्यक्षता करेगा।
वैश्विक पर ग्रुप ऑफ ट्वेंटी
G20 सदस्य देशों में वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 85%, वैश्विक व्यापार का 75% से अधिक और विश्व की लगभग दो–तिहाई आबादी है।
भारत में G20 शिखर सम्मेलन कब होगा?
भारत एक दिसंबर 2022 से इस समूह की अध्यक्षता संभाल रहा है. उसके बाद से भारत इस समूह की सबसे बड़ी बैठक यानी G20 समिट की तैयारियों के लिए पूरी मुस्तैदी से जुटा है. जी 20 शिखर सम्मेलन का आयोजन 9 और 10 सितंबर को नई दिल्ली में होना है.
G-20 सम्मेलन 2023 का विषय क्या होगा?
अध्यक्षता करते हुए हमारे देश ने समावेशी विकास, डिजिटल नवाचार, जलवायु लचीलापन और समान वैश्विक स्वास्थ्य पहुंच जैसे विभिन्न मुद्दों पर देशों व संगठनों का ध्यान आकर्षित किया |
G-20 में भारत की क्या भूमिका है?
जी, G20 में भारत एक महत्वपूर्ण सदस्य देश है और इसकी भूमिका निम्नलिखित है:
- आर्थिक सहयोग: भारत G20 में एक महत्वपूर्ण आर्थिक शक्ति के रूप में उपस्थित है और यह आर्थिक सहयोग के क्षेत्र में अपनी भूमिका को खेलता है।
- विकास के मुद्दे: भारत G20 में विकास से संबंधित मुद्दों पर अपने दृष्टिकोण को प्रस्तुत करता है। यह मुद्दे आर्थिक समानता, गरीबी उन्मूलन, और विकासी देशों के साथ सहयोग को समाहित करते हैं।
- वित्तीय बदलाव: भारत G20 में वित्तीय बदलाव के सम्बंध में अपने मतभेद और सुझाव प्रस्तुत करता है, जिनमें वित्तीय प्रणाली के सुधार, बैंकिंग और वित्तीय स्थिरता शामिल होती है।
- क्लाइमेट चेंज और पर्यावरण: भारत G20 में पर्यावरण और क्लाइमेट चेंज के मुद्दों पर भी अपनी दृष्टि प्रस्तुत करता है।
- विश्वासघात प्रतिरोध: भारत विश्वभर में विश्वासघात के प्रति संवर्धन और सहमति के पक्ष में अपनी भूमिका को खेलता है और अपने विचारों को बयान करता है।
भारत G20 में विकास, आर्थिक सहयोग, वित्तीय सुधार, और पर्यावरण के मुद्दों पर अपनी दृष्टि प्रस्तुत करके आर्थिक और सामाजिक सहमति को बढ़ावा देने का प्रयास करता है।
G20 सम्मेलन में यह एजेंसियां रखेंगी सुरक्षा का ध्यान
दुनियाँ के G-20 देशों के राष्ट्राध्यक्ष और आमंत्रित सदस्य इस सम्मेलन में भाग लें रहें हैं जिनकी सुरक्षा का ध्यान कुछ एजेंसियां रखेंगी। इनमें से कुछ प्रमुख एजेंसीज RAW, SWAT-DP, CIA (US), MI6 (UK), MSS (China) आदि हैं।
रॉ (RAW) –
रॉ का पूरा नाम “Research and Analysis Wing” यह हमारे देश की प्रमुख सिक्योरिटी एजेंसी है। इस एजेंसी का गठन भारत–चीन युद्ध के बाद 21 सितंबर 1968 को किया गया था। इसका प्रमुख कार्य देश को आंतरिक और बाहर आतंकी गतिविधियों पर नजर रखना और खुफिया जानकारी को इकठ्ठा करना है।
SWAT और दिल्ली पुलिस –
26/11 हमें के बाद SWAT-DP का गठन किया गया था। यह विशेष प्रकार के कमांडो होते हैं जिन्हें नेशनल सिक्योरिटी गार्ड के तहत कड़ी ट्रेनिंग दी जाती है। इनका प्रमुख कार्य आतंकी हमले से लड़ना होता है। स्वाट टीम के सदस्य विशेष सेल के अंतर्गत कार्य करते हैं। स्वाट कमांडों भी G20 समिट में सुरक्षा के मद्देनजर अहम भूमिका निभाने वाले हैं।
इसके अलावा दिल्ली पुलिस भी सुरक्षा में अपनी भूमिका अदा करेगी। दिल्ली पुलिस केंद्र सरकार के अंतर्गत आती है। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली की सुरक्षा व्यवस्था की कमान दिल्ली पुलिस को दी जाती है।
CIA (सीआईए) –
सीआईए को सेन्ट्रल इंटेलिजेंस एजेंसी के नाम से जाना जाता है। यह एजेंसी यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ अमेरिका की खुफिया एजेंसी है। यह एजेंसी देश के खिलाफ हो रहे मिशन से जुड़ी जानकारी इकठ्ठा कर देश को सुरक्षा प्रदान करने का काम करती है।
MI-6 (SIS) –
मिलिट्री इंटेलिजेंस सेक्शन-6 – यह सुरक्षा एजेंसी यूनाइटेड किंगडम (UK) की है। इस एजेंसी को सीक्रेट इंटेलिजेंस सर्विस (Secret Intelligence Service) के नाम से जाना जाता है। यह एजेंसी खुफिया जानकारी इकट्ठा करने, विदेश में सीक्रेट ऑपरेशन को अंजाम देने का कार्य करती है।
MSS (एमएसएस) –
MSS चीन देश की सीक्रेट एजेंसी MSS है जिसको राज्य सुरक्षा मंत्रालय (MSS) कहा जाता है। इस एजेंसी का गठन 1983 में किया गया था। इसका कार्य भी अन्य एजेंसियों की तरह है राष्ट्रीय सुरक्षा का है।
G-20 शिखर सम्मलेन सूची – List of G-20 summits
क्र.सं. | वर्ष | आयोजन स्थल |
01 | 14-15 नवंबर 2008 | संयुक्त राज्य अमेरिका |
02 | 2 अप्रैल 2009 | यूनाइटेड किंगडम |
03 | 24-25 सितंबर 2009 | संयुक्त राज्य अमेरिका |
04 | 26-27 जून 2010 | कनाडा |
05 | 11-12 नवंबर 2010 | दक्षिण कोरिया |
06 | 3-4 नवंबर 2011 | फ़्रांस |
07 | 18-19 जून 2012 | मेक्सिको |
08 | 5-6 सितंबर 2013 | रूस |
09 | 15-16 नवंबर 2014 | ऑस्ट्रेलिया |
10 | 15-16 नवंबर 2015 | तुर्की |
11 | 4-5 सितंबर 2016 | चीन |
12 | 7-8 जुलाई 2017 | जर्मनी |
13 | 30 नवंबर – 1 दिसंबर 2018 | अर्जेंटीना |
14 | 28-29 जून 2019 | जापान |
15 | 21-22 नवंबर 2020 | सऊदी अरब |
16 | 30-31 अक्टूबर 2021 | इटली |
17 | 15-16 नवंबर 2022 | इंडोनेशिया |
18 | 9-10 सितंबर 2023 | भारत |
19 | टीबीडी 2024 | ब्राजील |
20 | टीबीडी 2025 | दक्षिण अफ्रीका |
21 | टीबीडी 2026 | संयुक्त राज्य अमेरिका |
G20 सम्मेलन में वैश्विक संस्थाओं के अध्यक्ष भी हिस्सा होंगे –
- एंटोनियो गुटेरेस – संयुक्त राष्ट्र के महासचिव
- अजय बंगा – विश्व बैंक के अध्यक्ष
- अजय माथुर – अंतर्राष्ट्रीय सोलर अलायंस के डीजी
- अमित प्रोथी – आपदा प्रतिरोधी बुनियादी ढांचे के डीजी
- गिल्बर्ट फॉसौं होउंगबो – अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन के डीजी
- क्लास नॉट – वित्तीय स्थिरता बोर्ड के अध्यक्ष
- क्रिस्टालिना जॉर्जीवा – अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की प्रबंध निदेशक
- मासात्सुगु असकावा – एशियाई विकास बैंक के अध्यक्ष
- माथियास कॉर्मन – आर्थिक सहयोग और विकास संगठन के महासचिव
- नगोज़ी ओकोन्जो इवेला – विश्व व्यापार संगठन के डीजी
जी-20 (G-20) के महत्वपूर्ण तथ्य:
- जी-20 विश्व की 20 प्रमुख आर्थिक देशों का एक संगठन है।
- यह संगठन 1999 में गठित हुआ था और पहली बार 2008 में वित्तीय संकट के समय उपस्थित हुआ था।
- जी-20 का उद्घाटन भारतीय प्रधानमंत्री आतल बिहारी वाजपेयी ने किया था।
- यह संगठन विश्व की कुल GDP का लगभग 85% और जनसंख्या का लगभग 75% क्षेत्रफल को प्रदर्शित करता है।
- जी-20 का उद्देश्य आर्थिक सहयोग, वित्तीय स्थिरता और विश्वासमूलक विकास को प्रोत्साहित करना है।
- इसमें सदस्य देशों के गवर्नर्स और वित्त मंत्रियों की बैठकें होती हैं जो आर्थिक मुद्दों पर चर्चा करते हैं।
- जी-20 की पहली बैठक 2008 में वाशिंगटन डीसी, यूएसए में हुई थी।
- जी-20 के अंतर्गत देशों की संयुक्त राष्ट्रसंघ से अलग एक आवाज होती है, जिससे वे विशेष मुद्दों पर सहमति प्राप्त कर सकते हैं।
- यह संगठन आर्थिक सहयोग के साथ-साथ वित्तीय स्थिरता, बढ़ती हुई उद्यमिता, विकासशील देशों के साथ विकास सहयोग आदि के क्षेत्र में भी योगदान करता है।
- जी-20 बैठकें वार्षिक रूप से होती हैं, जिनमें सदस्य देश आर्थिक मुद्दों पर चर्चा करते हैं और सहमति तैयार करते हैं।
- जी-20 के अंतर्गत वित्तीय निरीक्षण और गोपनीयता के मामलों पर भी चर्चा होती है।
- यह संगठन विकासशील और अविकसित देशों के बीच सहयोग बढ़ाने का एक माध्यम भी है।
- जी-20 के अंतर्गत बिना पूंजीगत स्थानीय विकासी देशों को भी मदद प्रदान की जाती है।
- यह संगठन आर्थिक सहयोग के लिए विभिन्न कार्य समूह भी बनाता है, जैसे कि वित्तीय अनुसंधान समूह, स्थिरता और विकास समूह, वित्तीय सहमति समूह आदि।
FAQ: G-20 Summit 2023
प्रश्न 1 जी-20 की शुरुआत कब हुई?
उत्तर- साल 1999 में G-20 की पहली बैठक दिसंबर 1999 में बर्लिन में हुई थी।
प्रश्न 2 G-20 कितने देशों का समूह है?
उत्तर- ग्रुप ऑफ़ ट्वेंटी 20 देशों का समूह है। जिसमें 19 देश और यूरोपीय संघ शामिल किया गया है।
प्रश्न 3 20 सम्मेलन 2023 की थीम क्या है?
उत्तर- 20 सम्मेलन 2023 की थीम क्या है? (G-20 Summit 2023 Theme) भारत की अध्यक्षता में हो रहे जी 20 सम्मेलन 2023 का थीम ‘वसुधैव कुटुंबकम‘ या ‘एक पृथ्वी-एक कुटुंब-एक भविष्य‘ है.
प्रश्न 4 G-20 का मुख्यालय या सचिवालय कहाँ है?
उत्तर- जी-20 का मुख्यालय या इसका सचिवालय नहीं है। इस समूह के सदस्य देशों में हर साल बारी- बारी से सम्मलेन को आयोजित किया जाता है। इसका स्थायी मुख्यालय नहीं है।
प्रश्न 5 ग्रुप ऑफ़ ट्वेंटी में यूरोपीय संघ का प्रतिनिधित्व कौन करता है?
उत्तर- जी-20 (ग्रुप ऑफ़ ट्वेंटी) शिखर सम्मेलन में यूरोपीय संघ का प्रतिनिधित्व यूरोपीय परिषद् (EC) के अध्यक्ष द्वारा या यूरोपीय केंद्रीय बैंक द्वारा किया जाता है।
प्रश्न 6 विश्व की लगभग कितनी जनसँख्या जी-20 देशों में निवास करती है?
उत्तर- दुनिया की लगभग दो तिहाई जनसंख्या जी-20 (ग्रुप ऑफ़ ट्वेंटी) देशों में निवास करती है।
प्रश्न 7 G-20 में किन किन देशों को शामिल किया गया है?
उत्तर- G-20 में अर्जेटीना, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, सऊदी अरब, ऑस्ट्रेलिया,इंडोनेशिया, इटली, जापान, मेक्सिको, रूस, द अफ्रीका, द कोरिया, टर्की, ब्रिटेन व अमरीका और यूरोपीय संघ शामिल है।