नीति आयोग (NITI) National Institution for transforming India
नीति आयोग की स्थापना
नीति आयोग ( NITI ) – “National institute for Transforming India” अर्थात “राष्ट्रीय भारत परिवर्तन संस्थान” 1जनवरी,2015 को योजना आयोग के स्थान पर “नीति आयोग” की स्थापना वर्तमान सरकार द्वारा की गई थी |
थिंक टैंक के रूप मे
यह संस्था भारत सरकार को “थिंक टैंक” के रूप में सेवाएँ प्रदान करेगा अर्थात सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक, सैन्य, प्रौधोगिकी, सांस्कृतिक आदि नीतियों पर गंभीर और व्यवहारिक चिंतन करके सलाह देगी |
साथ में इस आयोग की कार्यप्रणाली में भी एक बड़े स्तर पर बदलाव किया गया है। इस नीति आयोग का महत्व पूर्ण प्राथमिक कार्य सामाजिक व आर्थिक मुद्दों पर सरकार को सलाह देने का है ताकि सरकार ऐसी योजना का निर्माण करे जो लोगों के हित में हो।
नीति आयोग का पूरा नाम
इसका पूरा नाम “नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर ट्रांसफारमिंग इंडिया” है | यह नीति आयोग पंडित जवाहरलाल नेहरू के युग में शुरू की गई “योजना आयोग” का प्रतिस्थापन है। नेहरू काल में शुरू किए गए योजना आयोग ने भारत के पंचवर्षीय विकास की योजना को कई सालों तक लागू किया। भारत में लगभग 30 साल के बाद पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में आई भाजपा सरकार ने वर्षों पुरानी योजना आयोग का नाम बदलकर “नीति आयोग” रख दिया है।
नीति आयोग की खासियत
नीति आयोग ने लोगों के विकास के लिए नीति बनाने के लिए विकेन्द्रीकरण अर्थात “सहकारी संघवाद” को शामिल किया है। इसके आधार पर केंद्र के साथ राज्य भी योजनाओं को बनाने में अपनी राय रख सकेंगे। इसके अंतर्गत योजना निचले स्तर पर स्थित इकाइंयों गांव, जिले, राज्य, केंद्र के साथ आपसी बातचीत के बाद तैयार की जाएगी। इसका उद्देश्य जमीनी हकीकत के आधार पर योजना बनाना होगा।
योजना आयोग क्या था?
योजना आयोग – योजना आयोग की स्थापना मार्च,1950 में भारत सरकार के एक प्रस्ताव द्वारा की गई थी | इसकी भूमिका एक सलाहकार के रूप में होती है | ऐसे में इसकी सिफ़ारिशें तभी मंजूर होती है जब मंत्रिमंडल की मंजूरी मिली हो | इसके अध्यक्ष प्रधानमंत्री होतें है | तथा सदस्यों में महत्वपूर्ण विभागों के केबिनेट मंत्री होते है |
नीति आयोग का ढांचा
नीति आयोग के अध्यक्ष – भारत के प्रधानमंत्री होतें है|
आयोग के उपाअध्यक्ष – भारत के प्रधानमंत्री के द्वारा नियुक्त होगा| – वर्तमान – सुमन बेरी
नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी – वर्तमान में परमेश्वरन अय्यर |
गवर्निंग काउंसिल में राज्यों के मुख्यमंत्री और केंद्र शासित प्रदेशों (जिन केंद्र शासित राज्यों में विधान सभा है उनके मुख्यमंत्री) व उपराज्यपाल / प्रशासक शामिल होंगे |
पूर्णकालिक सदस्य
- डॉ विनोद पॉल,लोक स्वास्थ्य विशेषज्ञ
- विजय कुमार सारस्वत –पूर्व रक्षा सचिव
- रमेश चंद्र –कृषि विशेषज्ञ
पदेन सदस्य
- राजनाथ सिंह – केंद्रीय मंत्री
- निर्मला सीतरमन – केंद्रीय मंत्री
- श्री अश्विनी वैष्णव – केंद्रीय मंत्री
- नरेंदर सिंह तोमर – केंद्रीय मंत्री
विशेष आमंत्रित सदस्य
- नितिन गडकरी – केंद्रीय मंत्री सङक एंव परिवहन मंत्री
- डॉ.वीरेंद्र कुमार – केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारता मंत्री
- धर्मेन्द्र प्रधान – मानव संसाधन विकास मंत्री
नीति आयोग ( NITI ) कार्य व भूमिका
भारत की नीति आयोग रूपी यह संस्था भारत सरकार को “थिंकटैंक” के रूप में सेवाएँ प्रदान करेगा| अर्थात सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक, सैन्य,प्रौधोगिकी, सांस्कृतिक आदि नीतियों पर गंभीर और व्यवहारिक चिंतन करके सलाह देगी|इसके कार्यों व भूमिका को निम्न लिखित बिन्दुओं में देखा जा सकता है-
- केंद्र और राज्यों को महत्वपूर्ण और तकनीकी परामर्श देना |
- केंद्र और राज्यों को परामर्श देना |
- सहयोगपूर्ण संघवाद को बढ़ावा देना |
- नीति आयोग को बेहतर बनाना |
- यह कोई वित्तीय आवंटन नहीं करता है |
- राज्यों की भूमिका का बढ़ना |
- गाँव के स्तर पर विश्वसनीय तंत्र विकसित करना |
- आर्थिक,सामाजिक,प्रौधोगिकी,सांस्कृतिक,आदि नीतियों के लिए राष्ट्रीय अंतर्राष्ट्रीय नीतियों,विचारों और बेहतर नीतियों का समावेश पर कार्य करना |
- नवाचार,ज्ञान,क्षमता निर्माण, आदि पर बल देगा |
- राष्ट्रीय विकास प्राथमिकताओं ,क्षेत्रों,तथा रणनीतियों के साझा दृष्टिकोण में राज्यों की भी सक्रिय भागीदारी विकसित हो, पर कार्य करना |
- केंद्र,राज्यऔर ग्राम स्तर तक समस्या समाधान का मंच प्रदान करना |
- राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय वैचारिक समूहों के मध्य साथ ही शैक्षिक और नीति अनुसंधान संस्थानों के बीच भागीदारी को बढ़ाना और परामर्श देना |
भारत में प्रभावी शासन निम्नलिखित स्तंभों पर आधारित होगा
- जन-केन्द्रित नीतियों पर बल
- महिला सशक्तिकरण एवं सभी वर्गों पर बल देने की नीति
- युवा नीति व सोच पर बल देना
- सरकारी व निजी स्तर पर सभी लोगों का ख्याल रखना
- संस्थागत व ढाँचागत सुधार के साथ विशेषज्ञता पर बल देना
- भेदभाव रहित कार्य-प्रणाली पर बल देना
- नीति निर्धारण में भारतीय दृष्टिकोण को प्रमुखता
वस्तुत: स्वामी विवेकानंद ने कहा था , कि ‘‘एक विचार लें। उस विचार को अपना जीवन बनाएँ उसी के बारे में सोचें, उसका सपना देखें और उसी विचार को जिएँ ,मस्तिष्क , मांसपेशी, व स्नायूतंत्र अपने शरीर के प्रत्येक भाग को उस विचार से ओतप्रोत कर दें और दूसरे विचारों को अलग रख दें। यही सफलता की राह है।’’
सहकारी संघवाद के प्रति अपनी प्रतिबद्धता, नागरिकों की भागीदारी को बढ़ावा देने, अवसरों तक समतावादी पहुंच, प्रतिभागी एवं अनुकूलनीय शासन और विकसित हो रही प्रौद्योगिकी के बढ़ते प्रयोग के जरिए नीति आयोग शासन प्रक्रिया को महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश और कार्यनीतिक योगदान देगा। सहकारी संघवाद, अवसरों के प्रति समतावादी एवं समावेशी पहुंच, प्रौद्योगिकी का समुचित उपयोग एवं सहभागी शासन पर आधारित आर्थिक विकास पर जोर देते हुए नीति आयोग महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश एवं सरकार तथा शासन प्रक्रिया को कार्यनीतिक योगदान प्रदान करेगा।